लगी हुई है होड़ बिखरने की इन चाँद-सितारों में, सुना है जलसा लगा हुआ है, जन्नत के गलियारों में।। इक निर्मोही फेर के नज़रें, सब को तन्हा छोड़ गया, दुनिया सारी खड़ी हुई है, लेकर नीर किनारों में।। कल को फिर सब, अपने-अपने कामों में रम जाएंगे, कितना सूनापन पसरा होगा, उनके परिवारों में।। लड़ते-भिड़ते चलते रहने को ही जीवन कहते हैं, जीवन नहीं रुका करता है, छोटी-छोटी हारों में।। किसे खबर हँसने वाले के अंतर्मन की मनोदशा, कितने राज़ छिपा रक्खे हैं कमरे की दीवारों में।। कहने को कहने वाले सब आस-पास ही रहते हैं, कौन किसी के काम आता है, वक़्त-ए-गम-ओ-आज़ारों में।। होड़।। #Star #sushant #Suicide #Death #RIP