छोड़ दिया साथ किस्मत ने मेरा थाम लिया हाथ मेहनत ने मेरा, भाग्य से ऊंचा कर्म है मेरा कर्म ही धर्म है मेरा मेहनत सीढ़ियों की तरह होती है और भाग्य लिफ्ट की तरह... लिफ्ट कभी भी बंद हो सकती है लेकिन सीढ़िया हमेशा ऊपर की ओर लेकर जाती है।