एक दिन एक लड़की गई टीचर के पास, आने को है परीक्षा पास। टीचर बोली करनी है तुम सबको, डटकर पढ़ाई। छोड़ दो लड़ाई झगड़े, बन जाओ सब अच्छे बच्चे, पढ़ लिख कर सब बने ज्ञानवान। तब टीचर ने खोली अंग्रेजी की किताब, दे डाला सातवा पाठ। याद करना सब बच्चे, पूछुंगी में शनिवार को। तब हँसकर सब बच्चे बोले टीचर से, शनिवार को नही, कर लेंगे हम कल ही सब याद। टीचर बोली मुस्कुराकर- भोले बच्चों, होगा नही इतनी जल्दी तुमसे याद। बच्चों ने टीचर की एक न मानी, करी अपनी ही मनमानी। कह दिया टीचर जी ने भी, अच्छा ठीक है पूछुंगी में कल, सब करके आना याद, देंखूँगी कितना कर सकते हो तुम याद। बच्चों ने घर जाकर खोली उत्तर की किताब। आठ आठ लाइन के थे सारे उतर, डर गए बेचारे बच्चे, टीचर को कल क्या देंगे जवाब। हुआ नही बच्चों से याद, बच्चे पछताये काश सुन लेते टीचर की बात। तब अंत में बच्चे बोले अगर, किसी काम को करना हो तो, सोचो-समझो,देखो-परखो, फिर बढ़ाओ आगे हाथ। कविता जयेश पनोत #जल्दबाजी का नतीजा