एक अरसे बाद मुलाकात हुई एक ख्वाब से, मेरे अंदर कोई ओज आगया हो जैसे आफ़ताब से, मानो खिला कोई गुलाब निकल आया हो किताब से, मेरे हिस्से में वो जितना था मुझे पूरा मिला, उसकी नही थी कोई खता, क्यों करु मैं उससे गिला, लगा जैसे मेने खुद से ही मुलाकात की,,,,,, है कल मेने उनसे थोड़ी सी कुछ बात की,,,,,,☺️ #SHCISNL,,, #justformymadness