पुरानी यादें आज भी नए ज़ख्म दे जाती हैं, संग बिताये उन लम्हों को फिर से ताज़ा कर जाती हैं समय वो भी था एक जब दोनों साथ चला करते थे, घर जाकर फिर चोरी छुपके बिस्तर से बात किया करते थे, फिर दिन एक ऐसा भी आया बातें हमारी कम हुई, छोटी-छोटी बातों पर आँखे दोनों की नम हुई, कुछ गलतफहमियों का शिकार हम हुए थे, रिश्ते अब सारे तार-तार हुए थे, औऱ गुज़री हुई उन गलियों में मैं मुड़ना नही चाहता, औऱ टूटे हुए रिश्ते से मैं जुड़ना नही चाहता!! Drj.. #puraniyaadein #shayrinama #mirzagalib