न लाल न नीली न काली हैं उसकी, आंखे बड़ी जहरीली है उसका! न कोई चाकू न ही तलवार रखती है, वो जुल्फे खोल लेती है होठ कर लाल रखती है! कत्ल करने का भी अलग अंदाज है उसका, वो अपने केशो को गालो पर डाल रखती है! न कोई चाकू रखती है न ही तलवार रखती है! वो जब नजरे झुकाती है पलक उपर उठाती है, मयखाने भूल जाओगे ऐसी मदीरा पिलाती है! अपने उड़ते हुए केशो को जब हल्के से सहलाती है, बिना सावन बिना बादल दिल मे बरसात लाती है! कानो मे झुमके रखती है पांव मे पायल रखती है, अपनी कातिल अदाओ से तुम्हे कर घायल रखती है! बिना मांगे बिना बोले वो तुमको लूट जाती है, नहीं समझे वही है जो तुम्हे जानू बुलाती है! ~ Alone_hemant #dilsekalamtak