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आदित्य और मैं स्कूल से ही दोस्त रहे थे। हम एक ही c

आदित्य और मैं स्कूल से ही दोस्त रहे थे। हम एक ही class में पढ़ते थे। एक साथ जाते एक साथ आते।  मुझे याद है वो दिन जब विवेक ने मुझे कीचड़ वाले पानी में धक्का दिया था तो उस वक़्त आदित्य ने ही मेरी मदद की थी और उसके बाद जो हम दोनों ने मिलकर उसे धोया, उसे भी ये याद होगा आज। हमारी दोस्ती इतनी गहरी थी कि पूरा school हमें gf-bf समझता था और हम उनकी बातों पर बस ठाहाके लगा  देते थे। 
हम बड़े हुए और अब बारी आई काॅलेज की। हमने एक ही काॅलेज में admission लिया। फिर से आना-जाना साथ हुआ। कैंटीन में lunch साथ, शाम को टपरी पर चाय भी साथ। ये तो हमारे रोज का काम हो गया था। ऐसे ही काॅलेज की पढ़ाई खत्म हुई। हम इतने करीब थे कि हमारे घरवालों को लगा कि हमारी शादी करा देनी चाहिए। पर हमने सबको समझाया कि ऐसी कोई बात नहीं है। 
फिर हमारी job का time आ गया। वो job करने बैंग्लोरू चला गया और मैं दिल्ली में ही रह गई। मेरी भी यहाँ एक अच्छी कंपनी में job लग गई। हमारी बातें अब call पर होने लगी। दोनों की jobअच्छी चल रही थी। फिर ऐसे ही एक दिन मैंने facebook पर एक picture लगाई जिसमें मेरा दोस्त नीरज था। इस picture को देखकर आदित्य बोखला गया। उसकी सीधा मुझे call ही आई ना हालचाल पूछा बस पूछा कि picture में कौन है तुम्हारे साथ, मैंने भी चिढाने के लिए बोल दिया boyfriend है मेरा, बस फिर क्या था उसने गुस्से में फोन cut कर दिया। मुझे थोड़ा शक हुआ। अगली सुबह देखती हूँ कि वो घर आया है और नाश्ते की टेबल पर हमारी शादी की बात कर रहा।मम्मी -पापा हँसते हुए बोले 'हमें तो पहले से ही पता था। '
थोड़ी देर बाद हम कमरे में गए। हम दोनों चाय पी ही रहे थे कि हमें मम्मी पापा की बातें याद आई और हमारे मुँह की चाय गिर गई। #ekkahani#hindi
#story#priyanka-pri
आदित्य और मैं स्कूल से ही दोस्त रहे थे। हम एक ही class में पढ़ते थे। एक साथ जाते एक साथ आते।  मुझे याद है वो दिन जब विवेक ने मुझे कीचड़ वाले पानी में धक्का दिया था तो उस वक़्त आदित्य ने ही मेरी मदद की थी और उसके बाद जो हम दोनों ने मिलकर उसे धोया, उसे भी ये याद होगा आज। हमारी दोस्ती इतनी गहरी थी कि पूरा school हमें gf-bf समझता था और हम उनकी बातों पर बस ठाहाके लगा  देते थे। 
हम बड़े हुए और अब बारी आई काॅलेज की। हमने एक ही काॅलेज में admission लिया। फिर से आना-जाना साथ हुआ। कैंटीन में lunch साथ, शाम को टपरी पर चाय भी साथ। ये तो हमारे रोज का काम हो गया था। ऐसे ही काॅलेज की पढ़ाई खत्म हुई। हम इतने करीब थे कि हमारे घरवालों को लगा कि हमारी शादी करा देनी चाहिए। पर हमने सबको समझाया कि ऐसी कोई बात नहीं है। 
फिर हमारी job का time आ गया। वो job करने बैंग्लोरू चला गया और मैं दिल्ली में ही रह गई। मेरी भी यहाँ एक अच्छी कंपनी में job लग गई। हमारी बातें अब call पर होने लगी। दोनों की jobअच्छी चल रही थी। फिर ऐसे ही एक दिन मैंने facebook पर एक picture लगाई जिसमें मेरा दोस्त नीरज था। इस picture को देखकर आदित्य बोखला गया। उसकी सीधा मुझे call ही आई ना हालचाल पूछा बस पूछा कि picture में कौन है तुम्हारे साथ, मैंने भी चिढाने के लिए बोल दिया boyfriend है मेरा, बस फिर क्या था उसने गुस्से में फोन cut कर दिया। मुझे थोड़ा शक हुआ। अगली सुबह देखती हूँ कि वो घर आया है और नाश्ते की टेबल पर हमारी शादी की बात कर रहा।मम्मी -पापा हँसते हुए बोले 'हमें तो पहले से ही पता था। '
थोड़ी देर बाद हम कमरे में गए। हम दोनों चाय पी ही रहे थे कि हमें मम्मी पापा की बातें याद आई और हमारे मुँह की चाय गिर गई। #ekkahani#hindi
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