Nojoto: Largest Storytelling Platform

पंख उतार , जब थका हुआ मन कहता है 'अब और नहीं' उस

 पंख उतार , जब थका हुआ मन कहता है 
'अब और नहीं'
उसी पल उम्मीद धीरे से कान में गुनगुना जाती है
'एक बार और सही'

     Musings - 13/10/18
 पंख उतार , जब थका हुआ मन कहता है 
'अब और नहीं'
उसी पल उम्मीद धीरे से कान में गुनगुना जाती है
'एक बार और सही'

     Musings - 13/10/18