कुछ कल्पना से परे एक दुनिया बनाना है जो इस दुनिया के नही उन्हे इस दुनिया मे बुलाना है प्यासी रूह जो भटक रही उसे खीच लाता है ओझा बोर्ड । अतीत का कुछ पन्न् फिर पलटता है कुछ आत्माओ पर हमारा बस चलता है अमावस्या कि रात फिर आयेगी तब दैविय शक्ति उसे बुलायेगी भयानक मंज़र का सामना तुम करोगे बदले कि आग जब पुरी हो जायेगी😈 Collab on this Prompt and write a horror poem about the Ouija Board 🌚 Must Use #scouijapoem to let us discover your tales 🧟 #spookiansclub #yqsc #horror #horrorpoem #poetry #ouijaboard #YourQuoteAndMine Collaborating with Spookians Club