ढलते सूरज की आगोश मे कही खो सा गया हुँ मैं चन्द्रमा की चांदनी मे कही मोह सा गया हुँ मैं नील गगन की ख़ामोशी मे अंधियारी रातो के शोर मे मन्दाकिनी के स्वरुप को आँखो मे उतार गया हुँ मैं प्रतिबिम्ब की झलक को आंतरिक स्पर्श के दृश्य को वेदना व करुणा के अंतर को हर दम समाहित कर गया हुँ मैं ©kirtesh #myself #loveyourself #poem #nojoto