घर की चौखट जानती है,आहट तुम्हारे कदमों कि, रास्ता देखती रहती है अब, चारदीवारी भी बस एक तुम्हारे आने की।। घर की चौखट जानती है, आहट तुम्हारे कदमों कि, रास्ता देखती रहती है अब, चारदीवारी भी बस एक तुम्हारे आने की।। -लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻