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मेहनत परिश्रम करने वालों को मत समझो मजबूर हैं। ईमा

मेहनत परिश्रम करने वालों को मत समझो मजबूर हैं।
ईमानदारी वफादारी खुद्दारी का दूसरा नाम मजदूर हैं।।
देखो फिजा में श्रर्म से ही फूलों में खुशबू आई है।
वो खाता अपने मेहनत पसीने की गाढ़ी कमाई है।।
यहां परिश्रमी मजदूर सब आपस में भाई भाई है।
ये दुनिया है मजदूरों की ,मानिए यही सच्चाई है।।
उद्यमी के बल पर ही हर ओर हरियाली छाई है।
1 मई विश्व मजदूर दिवस की  हार्दिक बधाई है।।

©Dr Wasim Raja
  मजदूर दिवस

मजदूर दिवस #कविता

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