पंख लगे हैं बेटियों में भी अभी उड़ान बाकी। उड़ने तो इन्हें भी बुलंदियों को छूने का अभी आसमान बाकी है। इन्हें कैद मत करो। अभी फतह करने का जहान बाकी है। चलने दो इन्हें। रास्तों पर मिलने का अभी मुकाम बाकी है। ये तो कुछ नहीं। हर काम का आना अभी अंजाम बाकी है। ©Manzoor Alam Delhi #womensday2021 बेटियों के लिए #womensday2021