फकीरी से उठी हूँ मैं फकिरी का दर्द जानती हूँ , आस्माँ से ज्यादा मैं जमी को मानती हूँ _ सब कुछ सहना आसान नहीं होता , सब्र कितना जरुरी है खुद को संभालने के लिए मैं बखूबी जानती हूँ _ बेवक़्त , बिनवजय , और बेहिसाब मुस्कुरा देती हूँ , मैं जलने वालो को कुछ यूं जला देती हूँ _ क्या पाया - क्या खोया मुझे परवाह नहीं कल सब राख़ होना हैं , मैं जानतीं हूँ.........................................................................》 फकिरी से उठी हूँ , मैं कैसे उन दिनो को भूल जाऊ _________♡. A∆CHU 🖤 MAKTUB 💈 #love #struggle #toughtimes #fakir #waqt #attitude #musingtime #astheticthoughts