*"आँख़ो की बस इतनी सी ख़्वाहिश है। जब भी खुलू तेरा ही दीदार करूं। *दिल की भी बस यही आरज़ू है। इक तुझसे ही टूट कर प्यार करूं।" #दिलीप-- ख़्वाहिश