ज़ख़्म ताज़ा रखे आराम नहीं आने दिया। चारा- साजों को कभी काम नहीं आने दिया। लफ्ज़ दर लफ्ज़ तुझे सोच के लिक्खा लेकिन। हम ने शेरों में तेरा नाम नहीं आने दिया। #syed ahmad bhai# ©Azeem Khan #syed ahmad poetry# कवि राहुल पाल priyanka gupta Pushpvritiya J P Lodhi. कवि राहुल पाल shanaya Siddiqui