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दो पल के गूस्से से* *प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है

दो पल के गूस्से से*
*प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता हैं*
*होश जब आता हैं तो वक्त निकल जाता है*
उचित समय पर पिए गये*
 कड़वे घूँट*
*सदैव जीवन मीठा*
 कर दिया करते है
इंसान वही श्रेष्ठ है जो बुरी
*स्थिति में फिसले नहीं*
*एवं अच्छी स्थिति में उछले नहीं*
दो पल के गूस्से से*
*प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता हैं*
*होश जब आता हैं तो वक्त निकल जाता है*
उचित समय पर पिए गये*
 कड़वे घूँट*
*सदैव जीवन मीठा*
 कर दिया करते है
इंसान वही श्रेष्ठ है जो बुरी
*स्थिति में फिसले नहीं*
*एवं अच्छी स्थिति में उछले नहीं*