ढाई अक्षर प्रेम के, जो तुम पढ़ लो इन आंखों में मेरी, सपना दिल का साकार हो जाए, हो चुका है जिस तरह सुबह को सूरज से, उस तरह तुम्हें भी मुझसे प्यार हो जाए। #ढाई #अक्षर #प्रेम