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प्रकृति के स्वामी विष और संहार के देवता।भौतिक सुख

प्रकृति के स्वामी विष और संहार के देवता।भौतिक सुख एवं उन्नति के प्रयासों ने भावनाओं के धरातल तोड़ डाले हैं।आप पुनः अपने डमरू से नाद कर हृदय के तारों को जोड़िए महादेव। विश्व भर में जो असुरों का अट्टाहास हो रहा है आप ताण्डव स्वरूप गर्जना कर विनाश के इस क्रम को रोकिए भोलेनाथ।जगत एक बार फिर से हलाहल की चपेट में हैं।स्वार्थ और भ्रष्ट आचरण से मन बुद्धि आत्मा की चेतना सुप्त हो चली है आप इस हमारे हृदय की करुण पुकार सुनकर एक बार फिर से नीलकण्ठ बन कर पधारिये प्रभु। आपकी प्रतीक्षा में अल्पज्ञ.. पावन सावन के शुभारंभ पर #yolewrimo में आज #शिवशंभू को एक पत्र लिखें। #पाठकपुराण
#letters  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
प्रकृति के स्वामी विष और संहार के देवता।भौतिक सुख एवं उन्नति के प्रयासों ने भावनाओं के धरातल तोड़ डाले हैं।आप पुनः अपने डमरू से नाद कर हृदय के तारों को जोड़िए महादेव। विश्व भर में जो असुरों का अट्टाहास हो रहा है आप ताण्डव स्वरूप गर्जना कर विनाश के इस क्रम को रोकिए भोलेनाथ।जगत एक बार फिर से हलाहल की चपेट में हैं।स्वार्थ और भ्रष्ट आचरण से मन बुद्धि आत्मा की चेतना सुप्त हो चली है आप इस हमारे हृदय की करुण पुकार सुनकर एक बार फिर से नीलकण्ठ बन कर पधारिये प्रभु। आपकी प्रतीक्षा में अल्पज्ञ.. पावन सावन के शुभारंभ पर #yolewrimo में आज #शिवशंभू को एक पत्र लिखें। #पाठकपुराण
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