खुशियों के बिना जीवन हो जैसे पलकों से गिरते आंसू छुपाऊं कैसे? मुस्कुराना चाहूं पर मुस्कुराओ कैसे? तेरी कमी को दिल में छुपा लू कैसे? वो गुलाबों को मुरझाने दूं कैसे? अगले जन्म तक का वक्त बिताऊ कैसे? तेरी कमी को वापस पाऊं कैसे? नशा तेरे साथ का उस साथ को, वापस बुलाऊं कैसे? शरीर मेरा पर दिल की हर धड़कन में तू ही तू बसी है वैसे. ©Amit Kaushalhttps://youtu.be/9r2nccQ5RAI #अक्टूबर creator # तुम बिन जिया जाए कैसे? #8LinePoet