माँगती हूँ तेरा पनाह हर पल मैं, डर नहीं उलझनों के डेर का खुदा, इन इन्सानों के फेर से दूर चल मैं, इनके साथ बस मधुरिम सफर तय करना चाहूँ।। 👉🏻 प्रतियोगिता- 615 विषय 👉🏻 🌹"पनाह"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I 🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।