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अब मुझे समझने के लिये, मैं ख़ुद कई बार कम पड़ जाता

अब
मुझे समझने के लिये,
मैं ख़ुद कई बार कम पड़ जाता हूं तो
ग़ैरों से शिकायत क्या?
अजनबी होते रिश्ते हैरान नहीं करते अब।
मेरी दुनिया में मुझ जैसे ही समा पाते हैं
इसलिए 
बहुत नन्ही सी है दुनिया मेरी ।
@MÄđM@N apni Duniya
अब
मुझे समझने के लिये,
मैं ख़ुद कई बार कम पड़ जाता हूं तो
ग़ैरों से शिकायत क्या?
अजनबी होते रिश्ते हैरान नहीं करते अब।
मेरी दुनिया में मुझ जैसे ही समा पाते हैं
इसलिए 
बहुत नन्ही सी है दुनिया मेरी ।
@MÄđM@N apni Duniya