डूबते हुए पहर जैसा ,शहर का मिजाज है आजकल शाम सुहानी है बहुत,पर हो जाएगी स्याह,किसी भी पल अपनी हो या गैरों की,दरख्तों के दामन मे छुप जा ऐ रात के मुसाफिर गर फिजा जो बदली, कत्लेआम होगा, बोल कर की था तू एक काफिर #aavran #आवरण #जिंदगी #काफिला #शहर #yqbaba #yqdidi #yqquotes