कैसे कोई किसी का सुने हाल-ए-दिल यहां? मसरूफ़ियत के दौर में है वक़्त ही कहां! इक आरज़ू थी दिल में कि होता कोई तो साथ। इस दर्दे-दिल की दास्तां किससे करूं बयां। #aliem #yqbhaijan #hale_dil #masrifiyatka daur