सूरज की लाली का देखो फिर से आज हरण हुआ है धुंध की चादर ने सोचा तमस सदा ही प्रबल रहेगा पर तप का तेज कहाँ कम होता अंधियारा क्या समझ सकेगा ये चादर भी छंट जाएंगे तेज़ निखर कर फिर आएंगे फिर लाली से रौशन होगा छटा सुहाने जीवन की बस कुछ पल का ये अंधियारा है इक दिन ये भी ढल जाएगा ज़ख्म भले ही रह जाएंगे घाव मगर पर भर जाएगा ।। #nojoto #nojotoHindi #hindinaama #poem