छुट्टियों का इंतज़ार है, और नानी के घर जाना है। सुनोगे कहानी !! चलो सुनाता हूं। इस बार नानी के घर की, तुमको भी याद दिलाता हूं। - Read Caption दुकान घर के एकदम पास में थी। और हम सुबाह से रात तक घर से दुकान और दुकान से घर के चक्कर, घर के पीछे कूड़े वाले रस्ते से short cut मारके जाया करते थे। कई बार तो मुझमें और नन्नू में शर्त लगती थी कि कौन पहले पहुंचता है एक लंबे रास्ते से भागता था और एक शॉर्ट कट से कूड़े का मैदान पार करके। दुकान पर जाकर होता कुछ नहीं, थोड़ी देर मामा जी की शक्ल देखी, उन्होंने पेप्सी की कांच वाली बोतल पकड़ा दी और हमने उसमे काला नमक डालकर पी लिया। काले नमक से झाग बन जाते थे बहुत सारे। और फिर घर, घर से फिर पड़ोसियों के य