तेरा इस बारिश में भिग जाने से मौसम की सुन्दरता ओर निखर जाती है ...... काली रात भी इस घड़ी में पूर्णिमा लगने लगती है.... गगन में सितारों का टीम - टीमाना जैसे चेहरे पर तुम्हारे सबनम का श्रृंगार हो.... कंई अरसे गुजर गए हैं , देखा नहीं एैसा मौसम हंसी.... तुम्हें देख मौसम अंगड़ाइयां लेने लगता है... गुजारीश है तुमसे , एैसे मौसम में निकला न करो .... जमाना सरेआम कत्ल हो जाता है... जाने वाला राही भी , अपनी राह भटक जाता है.... तुम सुन्दरता की देवी हो .... इसी लिए इस बरखा ने तुमको अपने पल्लू में ओढ़े रखा है.. ©Motivational indar jeet guru तुम होती तो बढ़ जाती सुन्दरता मौसम की । भीगे लबों पर तुम्हारे बुन्दे भी इठलाती है.. नज़र हटती नहीं चेहरे से तुम्हारे , एेसा जादू छा जाता है....