भ्रष्ट देश का भ्रष्ट पैमाना भ्रष्ट पैमाने पर बना आशियाना उसी तरह चरमरा रहा है… जैसे बिस्तर पर लेट कर भी बिस्तर से गिरने की उम्मीद होती है…. जब सिपाही की नौकरी पाकर बिजनेसमैन के घर जाकर चाटुकारिता की कुर्सी पर बैठकर सोचते हो, अपनी तनख्वाह बैंक में रहे घर का खर्चा यहीं से निकलता रहे बस वही भ्रष्ट देश के लिए चार चाँद का काम करता है….. जब दुर्बल और सबल पक्ष में लड़ाई का विवाद थाने में ना होकर थाने के चहारदीवारी से बाहर पहुंँचता है मंत्रियों के दबाव से गलत और सही का निर्णय लिया जाता है बस वही भ्रष्टाचार का मुख खुल जाता है…. जब सौ- दो सौ लेकर काम को निपटाने की बात की जाती है ये सब देख मुस्कुरा कर चल दिया जाता है ,कहीं भी इसकी शिकायत नहीं की जाती है यही भ्रष्टाचार होता है…. जब एक मुश्त रुपया देकर अपने घर के लड़के की नौकरी करवा दी जाती है ,भ्रष्टाचार की जांच करवा कर उस पेपर को रद्द किया जाता है , तब लाखों युवाओं के समय को छीन आत्महत्या का रास्ता दिखा दिया जाता है तब भ्रष्ट देश ठहाके मारकर हंँसता है… ©Rani Yadav #Hopeles#corruption