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"पुरुष रोता नहीं है पर जब वो रोता है, रोम-रोम से र

"पुरुष रोता नहीं है पर जब वो रोता है, रोम-रोम से रोता है। उसकी व्यथा पत्थर में दरार कर सकती है।

"परंतु पुरुष का रोना पुरुषों की आँखो में आंसू. कईं हज़ार गुनी विवशता है ऐसा लगता है कि पौरुष टूक-टूक होकर पिघल-पिघलकर बह रहा है. विश्व की शक्ति विधवा होकर मानो विलाप कर रही है..!!’

कृपया किसी का भी दिल न दुखायें !!

©Sonam Gupta
  #lightning