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जब भी आईना देखता हूं खुद को भूल जाता हूं आ जाती है

जब भी आईना देखता हूं खुद को भूल जाता हूं
आ जाती है तेरी तस्वीर उसमें डूब जाता हूं
किस कदर तुझको खुद मे छुपा लू 
मैं ये सोच कर बाल झाड़ना भूल जाता हूं
   लेखक मो फैयाज
    दिल♥️♥️की बात

©md faiyaz shayari @ romantic dil ki baat md faiyaz
जब भी आईना देखता हूं खुद को भूल जाता हूं
आ जाती है तेरी तस्वीर उसमें डूब जाता हूं
किस कदर तुझको खुद मे छुपा लू 
मैं ये सोच कर बाल झाड़ना भूल जाता हूं
   लेखक मो फैयाज
    दिल♥️♥️की बात

©md faiyaz shayari @ romantic dil ki baat md faiyaz
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