ना जाने कितनी कहानियां बुन जाती हैं सिर्फ़ कुछ चाय की चुस्कियों पर, ना जाने कितने राज बेपर्दा हो जाते हैं, कितनी बातें बेजिजक खुल जाती हैं..!