जब से गिरा हूँ तेरी कोख से मैं घिस रहा हूँ जगत की भेड़-चालें कल तक जो तेरे आँगन का लाडला था अब ये रहस्यमयी दुनिया कैसे सम्भाले फिरसे ढकले ना माँ अपने आँचल से रोते मुन्ने को सीने से लगाले थपथपा के हाँथ से झूला झुला दे माँ मुझे गोद में फिरसे छिपाले ©harshvshukla Ma mujhhe god me firse chhipaale #hindi #hindipoetry #kavita #hindiwriter #nojoto #ma #mother #harshvshukla