रास्ता रास्ता हसीन था ओर सफ़र आसान मोहब्बत मिली भी मुझे तो दर्द में आशिक की एक दास्तान ! रास्ते हसीन थे ओर मैं उस मंजिल से अनजान ! सुरेन्द्र कुमार उपाध्याय (मन्टू उपाध्याय) तिसरी गिरिडीह झारखंड भारत