जीतना जरूरी है क्यूंकि जितना जरुरी तब बन जाता है जब लड़ाई अपने अंदर के बुराई से हो वरना हमें हराने की किसी की औकात नहीं हमारे हिम्मत को तोड़ने वाला जब हमें फिर से निचे गिराने के बारे मे सोचता है तो तब जितना जरुरी होता है उसे हराने के लिए नहीं खुद को अपनी नज़रो मे उठाने के लिये मंज़िल उसे मिलती है जिसको किसी के सहारे की जरुरत नहीं होती जीतता वही है जिसको किसी बहाने की जरुरत नही होती जितना जरुरी है क्योंकि