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तेरे गुमशुम से लबों ,की महकती खुशबु के फसाने से बे

तेरे गुमशुम से लबों ,की महकती खुशबु के फसाने से बेपरवाह हुए हम ,
तेरी मृगनयनों के तीरों से घायल हुए हम,
   तरस गयी हैं आंखे तेरे चांद से चेहरे के दीदार के लिए ,
बेसुद बिखर गये तेरी मधुर आवाज के लिए हम,
तेरी मुस्कान तेरे इन्तजार में ,
फिर रहे है गलियों में तेरी ,
तेरे हर एक एहसास के लिए हम ।।
😔😔😔

♥️♥️“ उन्मुक्त सुरेश तिवारी। ” ❤️❤️ #_Mulakkat ke entjar Mai ham....
तेरे गुमशुम से लबों ,की महकती खुशबु के फसाने से बेपरवाह हुए हम ,
तेरी मृगनयनों के तीरों से घायल हुए हम,
   तरस गयी हैं आंखे तेरे चांद से चेहरे के दीदार के लिए ,
बेसुद बिखर गये तेरी मधुर आवाज के लिए हम,
तेरी मुस्कान तेरे इन्तजार में ,
फिर रहे है गलियों में तेरी ,
तेरे हर एक एहसास के लिए हम ।।
😔😔😔

♥️♥️“ उन्मुक्त सुरेश तिवारी। ” ❤️❤️ #_Mulakkat ke entjar Mai ham....

#_Mulakkat ke entjar Mai ham....