हाल ए वफ़ा मैं अपनी किससे जाके कहूं, यहां हर कोई तो ज़ालिम बादशाह बना हुआ, दिल का तो हाल है कुछ ऐसा मेरा हुआ, किस हकीम से मांगू दिल ए दर्द की दवा, सांसे हर घड़ी तेरा नाम लेती है राधे, तू क्या जाने तेरे बिन जीवन कैसा हुआ, तड़प रहा हूं ऐसे हाल कैसे बयां करूं, यहां हर कोई तो ज़ालिम ............! हाल ए वफ़ा.......!