अपनी मर्ज़ी से मरने का मुकद्दर नहीं अपना खुद की शर्तों पे तो जीने का हुनर रखना है। अपने बच्चो को सुना सकें मुसाफत की कहानी ज़िंदगी में तय इतने तो सफ़र रखना है। कह दूं जो किसी से तो वो इनकार ना करदे अपनी हर एक बात में इतना तो असर रखना है। अपनी मर्ज़ी से मरने का मुकद्दर नहीं अपना खुद की शर्तों पे तो जीने का हुनर रखना है......! _ नagma शah #writting