इतिहास गवाह है, भला अपना कौन यहांँ है जब भाई ने भाई को नहीं छोड़ा, फिर किसी गैर पर विश्वास कहांँ है इतिहास गवाह है, मिट्टी का शरीर मिट्टी में मिलता यहांँ है फिर अहंकार किस बात का, दौलत वाले भी टिकते कहांँ है इतिहास गवाह है, अपने स्वार्थ के लिए जीते सब यहांँ है सब लालच की है कठपुतली, निस्वार्थ भला कोई कहांँ है इतिहास गवाह है, अत्याचारों को मिटाते चन्द्रगुप्त मौर्य जैसे वीर योद्धा यहांँ है जिम्मेदारी है हमारी चलों ढुंढे ये अत्याचारी, धनानंद किस रूप में है, और कहांँ है 🎀 Challenge-259 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।