स्त्री... तृष्णा क़ो हर सकती है वो अश्रु सा झर सकती है अपलक ही संवर सकती है अपनों के लिए बिखर सकती है नि:संदेह वो स्त्री है कुछ भी कर सकती है! #शक्ति #🙏 ©सदैव #navratri