#OpenPoetry बार बार गिर कर अब संभलना सीख गया हूं, बिखर कर फिर से आगे बढ़ना सीख गया हूं, मैंने हार खुद से भी नहीं मानी कभी आज तक, डर कर मौत से भी पीछे नहीं हटा हूं आज तक, बार बार अब खुद को आज़मा रहा हूं, अपने किरदार से थोड़ा बाहर जा रहा हूं, सपनों को साकार करने का हौसला है मुझमें, मुश्किलों को उखाड़ फेंकने की ताकत है मुझमें, अपने रास्ते अब खुद ही तय करूंगा मैं हर बार, जीत ना जाऊं जब तक कोशिश करूंगा बार बार। :—🤜✍️@my_pen_my_strength✍️🤛—: कहने को ये दो शब्द हैं मगर किसी भी बात से जुड़ जाते हैं और कविता बना देते हैं। #बारबार #nojoto #hindi #tales #my_pen_my_strength #hindishayari #hindishyari