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आखिर और क्या चाहता है आदमी जीने के लिए। तुम तो उस

आखिर और क्या चाहता है आदमी जीने के लिए। तुम तो उस जगह पे थे जहाँ पहुँचने में लोगों की उम्र गुजर जाती है। फिर भी इतनी निराशा इतना तनाव इतना डिप्रेशन कि आदमी अपना जीवन ही ख़त्म कर ले। यकीन नहीं होता, बिल्कुल ही नहीं होता। तुम तो उस प्रदेश से थे जहाँ संघर्ष मनुष्य की रग़ों में बहता है। वर्षों के अदम्य हौसले से जिन्होंने पहाड़ काटकर रास्ता बना डाला वैसे दशरथ मांझी से भी बड़ा संघर्ष था क्या तुम्हारा। ऐसी उम्मीद तो नहीं थी तुमसे। ये स्वीकार्य नहीं कदापि नहीं। यह बहुत दुःखद है बहुत ज्यादा। अफ़सोस मृत्यु का उतना नहीं वो तो एक दिन तय है लेकिन ये तरीका? तुमने शायद सोचा भी नहीं होगा कि इस उम्र में तुम कितनों के आदर्श बन गए होगे। युवा तुममें अपनी छवि देखते होंगे। जीवन की यही सीख है आदमी किसी भी हाल में हो पर संवादहीन नहीं होना चाहिए। ये संवादहीनता सबसे खतरनाक पहलू है जीवन का। दुःखद अत्यंत दुःखद ! विश्वास ही नहीं होता कि अब आप हमारे बीच नहीं रहे। आपकी अभिनय क्षमता का हर कोई क़ायल है। आपने अपनी प्रतिभा व मेहनत के बल पर सिने जगत में जो मक़ाम बनाया वह लाखों संघर्षशील कलाकारों के लिए एक मिसाल है। किंतु आपकी क्षति ने यह भी बताया है कि डिप्रेशन वास्तव में एक भयानक बीमारी है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य भी अतिआवश्यक है।

ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे। और शोकाकुल परिवार व प्रियजनों को दुःख सहने की शक्ति दे। 
#सुशांतसिंहराजपूत #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
आखिर और क्या चाहता है आदमी जीने के लिए। तुम तो उस जगह पे थे जहाँ पहुँचने में लोगों की उम्र गुजर जाती है। फिर भी इतनी निराशा इतना तनाव इतना डिप्रेशन कि आदमी अपना जीवन ही ख़त्म कर ले। यकीन नहीं होता, बिल्कुल ही नहीं होता। तुम तो उस प्रदेश से थे जहाँ संघर्ष मनुष्य की रग़ों में बहता है। वर्षों के अदम्य हौसले से जिन्होंने पहाड़ काटकर रास्ता बना डाला वैसे दशरथ मांझी से भी बड़ा संघर्ष था क्या तुम्हारा। ऐसी उम्मीद तो नहीं थी तुमसे। ये स्वीकार्य नहीं कदापि नहीं। यह बहुत दुःखद है बहुत ज्यादा। अफ़सोस मृत्यु का उतना नहीं वो तो एक दिन तय है लेकिन ये तरीका? तुमने शायद सोचा भी नहीं होगा कि इस उम्र में तुम कितनों के आदर्श बन गए होगे। युवा तुममें अपनी छवि देखते होंगे। जीवन की यही सीख है आदमी किसी भी हाल में हो पर संवादहीन नहीं होना चाहिए। ये संवादहीनता सबसे खतरनाक पहलू है जीवन का। दुःखद अत्यंत दुःखद ! विश्वास ही नहीं होता कि अब आप हमारे बीच नहीं रहे। आपकी अभिनय क्षमता का हर कोई क़ायल है। आपने अपनी प्रतिभा व मेहनत के बल पर सिने जगत में जो मक़ाम बनाया वह लाखों संघर्षशील कलाकारों के लिए एक मिसाल है। किंतु आपकी क्षति ने यह भी बताया है कि डिप्रेशन वास्तव में एक भयानक बीमारी है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य भी अतिआवश्यक है।

ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे। और शोकाकुल परिवार व प्रियजनों को दुःख सहने की शक्ति दे। 
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gautamanand4109

Gautam_Anand

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