जिसे तुमने कभी बचपन में देखा था, जो किसी कोने में सहमा सा बैठा था, हर घड़ी बस माँ के पास ही रहता, किसी से कुछ भी ना कहता, हाँ, मैं वही हूँ।। (Read in Caption) जिसे तुमने कभी बचपन में देखा था, जो किसी कोने में सहमा सा बैठा था, हर घड़ी बस माँ के पास ही रहता, किसी से कुछ भी ना कहता, हाँ, मैं वही हूँ।। जो सिर्फ एक साइकिल पाने के लिए पढ़ाई करता, लेकिन स्कूल जाने से भी था वो बहुत डरता, अक्सर हजार बहाने करता वो स्कूल ना जाने के,