कि अब अपनी भी ज़िन्दगी में एक बदलाव ज़रूरी है बहुत घूम लिए शहर-शहर अब गाँव जरूरी है नफरत भरी इस दुनिया ने प्यार करना ही भुला दिया "माँ" तेरी मीठी बातों का दोहराव जरूरी है तनहाइयों की धूप में कई मंजर तलाशे हैं हमने अब तनहाइयों में ही छिपी कहीं इक छाँव जरूरी है आवारा इन कदमों ने ज़िन्दगी गुज़ार दी चलते-चलते अब मौत का सा एक ठहराव जरूरी है.. ©KaushalAlmora Song of d night : रूबरू(RDB) #जरूरी #बदलाव #गाँवशहर #रोजकाडोजwithkaushalalmora #yqdidi #life #माँ