जबां पे जो लिखा है वो अल्फाज़ यही है गालिब कि 'मैं' से न कुछ तुम हो 'मेरा' से न कुछ, हुआ तुम्हारा दो पल के तुम हो राही सांसों का बस तुम्हे सहारा..... OPEN FOR COLLAB✨ #ATwriterblankbg • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.