तू खफा मुझसे हर दफा रही।।।। पर काबीज हर दफा तुझ पर मेरी वफा रही ।।। सोचता हूं कभी-कभी कि क्या खोया क्या पाया मैंने तुमसे मोहब्बत करके ,,,,,,, बस यही कि हर दफा तेरी मोहब्बत बेवफा रही।।।कृष्णा बैरागी तू खफा मुझसे हर दफा रही