.. अच्छा है कोई ठौर नहीं, न निशानदेही रहीं, तैर लेंगी सदाएं, डूबीं तो ग़म नहीं, के उस पार की चाह रही तयशुदा कहीं कुछ नहीं.. .. 🌱खुशामदीद ..💞 2017 में दर्ज़ की..