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मिलन की चाहत नही, जिस्म की ख्वाहिश नही फिर भी रिश्

मिलन की चाहत नही, जिस्म की ख्वाहिश नही
फिर भी रिश्ते निभा रहा हूं।
किया था वर्षो पुर्व तुमसे जो वादा
उन वादों को निभा रहा हूं ।
पता है मुझे, मुझमे तुम्हारी कोई दिलचस्पी नही है
फिर भी मै तुममें दिलचस्पी दिखा रहा हूं ।
तुम्हे फर्क नही पड़ता होगा शायद
मुझे फर्क पड़ता है तुम्हे बता रहा हूं ।।

©Pradeep Kumar Yadav
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