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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाब

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
शुभं करोति कल्याणम आरोग्यं धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोsस्तुते ।
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली (संस्कृत : दीपावलिः = दीप + अवलिः = दीपकों की पंक्ति, या पंक्ति में रखे हुए दीपक) शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन त्यौहार है, यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, दीपावली दीपों का त्योहार है...,
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, त्रेता युग में भगवान श्रीराम लंकापति रावण का वध करने के बाद कार्तिक अमावस्या के दिन माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटकर आए थे, भगवान राम के अयोध्या वापस आने की खुशी और उनके स्वागत में दीप जलाकर दिवाली मनाई गई थी...कार्तिक अमावस्या के दिन ही युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव, 13 साल का वनवास पूरा कर अपने राज्य लौटे थे,उनके लौटने की खुशी में राज्य के लोगों नें दीप जलाए. ऐसा माना जाता है कि तभी से कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाने लगी...,
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा होती है,इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत, श्रीकृष्ण और बाल-ग्वाल की आकृति बनाकर पूजा की जाती है, गोवर्धन पूजा करने से घर-संसार में खुशहाली आती है और नकारात्मकता दूर होती है...जैन परंपरा के अनुसार, दीप जलाने की यह प्रथा पहली बार 527 ईसा पूर्व में महावीर के निर्वाण के दिन शुरू हुई, जब महावीर की अंतिम शिक्षाओं के लिए एकत्र हुए 18 राजाओं ने एक घोषणा जारी की कि "महान प्रकाश, महावीर" की याद में दीपक जलाए जाएं...,
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दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः 
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते 
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दिवाली, नई शुरुआत- बुराई पर अच्छाई ,अंधेरे पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान का त्योहार है... 
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली मनाई जाती है तो दीपावली पर लक्ष्मी पूजन क्यों होता है ? 
राम की पूजा क्यों नही ?
क्योंकि दीपावली उत्सव दो युग सतयुग और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है. सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी उस दिन प्रगट हुई थी इसलिए लक्ष्मी पूजन होता है. भगवान राम भी त्रेता युग मे इसी दिन अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था इसलिए इसका नाम दीपावली है. इसलिए इस पर्व के दो नाम है लक्ष्मी पूजन जो सतयुग से जुड़ा है दूजा दीपावली जो त्रेता युग प्रभु राम और दीपो से जुड़ा है🙏हिंदू देवी काली को समर्पित यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, अर्थात उसी दिन जिस दिन पूरे भारत में दीपावली का पर्व और लक्ष्मी पूजा मनायी जाती है, यह मान्यता है कि इसी दिन देवी काली 64000 योगिनियों के साथ प्रकट हुई थीं...,
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आखिर में झिलमिलाते दीपों की रोशनी से प्रकाशित ये दीपावली आपके घर में सुख- समृद्धि और सफलता लेकर आए 🙏इस दिवाली में हमारी कामना है कि आपका हर
सपना पूरा हो और आप सफलता के
ऊंचे मुकाम पर हों🙏इस दीपावली  पर आपके मन में व्याप्त पञ्च विकारों -समस्त बुराइयों -दोषों -अवगुणों को जला कर राख करें 🙏एवं अपने मन मस्तिष्क में सकारात्मकता  -प्रेम -सौहार्द -दया एवं करुणा भाव के दीपक प्रज्वलित करें 🪔प्रभु श्री की कृपा से इस प्रकाश पर्व पर आप को आठों सिद्धियां,नव-निधियां और चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति हो,साथ ही सुख , समृद्धि , आरोग्य , यश , कीर्ति और खुशी की भी अनवरत प्राप्ति हो ,धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ महालक्ष्मी आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ।"🙏माता महालक्ष्मीजी की कृपा से आप के घर परिवार में उत्तम स्वास्थ्य, वैभव, ऐश्वर्य, सुख संपदा, मान सम्मान व धन दौलत के अक्षय भंडार भरे रहे🙏मै और मेरे परिवार की तरफ से:पूरब से *प्रतिष्ठा*, पश्चिम से *प्रारब्ध*, उत्तर से *उन्नति*, दक्षिण से *दायित्व*, ईशान से *एश्वर्य*, नैऋत्य से *नैतिकता*, आग्नेय से *आकर्षण*, वायव्य से *वैभव*, आकाश से *आमदनी* एवं पाताल से *पूँजी*.. दसों दिशाओं से सुख, शांति, समृद्धि एवं सफलता प्राप्त हो, यही शुभकामनाएँ हैं🙏आपको सपरिवार पंचदिवसीय प्रकाश पर्व श्रंखला:
नरक चतुर्दशी, दीवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज की अनन्त हार्दिक शुभकामनाएं🙏 दीपोत्सव सपरिवार आपके जीवन को सुख, समृद्धि, सुख-शांति, सौहार्द 
एवं अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करें🙏
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अपनी दुआओं में हमें याद रखें 
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बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
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शुभं करोति कल्याणम आरोग्यं धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोsस्तुते ।
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली (संस्कृत : दीपावलिः = दीप + अवलिः = दीपकों की पंक्ति, या पंक्ति में रखे हुए दीपक) शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन त्यौहार है, यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, दीपावली दीपों का त्योहार है...,
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
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शुभं करोति कल्याणम आरोग्यं धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोsस्तुते ।
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली (संस्कृत : दीपावलिः = दीप + अवलिः = दीपकों की पंक्ति, या पंक्ति में रखे हुए दीपक) शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन त्यौहार है, यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, दीपावली दीपों का त्योहार है...,
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, त्रेता युग में भगवान श्रीराम लंकापति रावण का वध करने के बाद कार्तिक अमावस्या के दिन माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटकर आए थे, भगवान राम के अयोध्या वापस आने की खुशी और उनके स्वागत में दीप जलाकर दिवाली मनाई गई थी...कार्तिक अमावस्या के दिन ही युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव, 13 साल का वनवास पूरा कर अपने राज्य लौटे थे,उनके लौटने की खुशी में राज्य के लोगों नें दीप जलाए. ऐसा माना जाता है कि तभी से कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाने लगी...,
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा होती है,इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत, श्रीकृष्ण और बाल-ग्वाल की आकृति बनाकर पूजा की जाती है, गोवर्धन पूजा करने से घर-संसार में खुशहाली आती है और नकारात्मकता दूर होती है...जैन परंपरा के अनुसार, दीप जलाने की यह प्रथा पहली बार 527 ईसा पूर्व में महावीर के निर्वाण के दिन शुरू हुई, जब महावीर की अंतिम शिक्षाओं के लिए एकत्र हुए 18 राजाओं ने एक घोषणा जारी की कि "महान प्रकाश, महावीर" की याद में दीपक जलाए जाएं...,
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दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः 
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते 
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दिवाली, नई शुरुआत- बुराई पर अच्छाई ,अंधेरे पर प्रकाश की जीत और अज्ञान पर ज्ञान का त्योहार है... 
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली मनाई जाती है तो दीपावली पर लक्ष्मी पूजन क्यों होता है ? 
राम की पूजा क्यों नही ?
क्योंकि दीपावली उत्सव दो युग सतयुग और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है. सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी उस दिन प्रगट हुई थी इसलिए लक्ष्मी पूजन होता है. भगवान राम भी त्रेता युग मे इसी दिन अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था इसलिए इसका नाम दीपावली है. इसलिए इस पर्व के दो नाम है लक्ष्मी पूजन जो सतयुग से जुड़ा है दूजा दीपावली जो त्रेता युग प्रभु राम और दीपो से जुड़ा है🙏हिंदू देवी काली को समर्पित यह पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, अर्थात उसी दिन जिस दिन पूरे भारत में दीपावली का पर्व और लक्ष्मी पूजा मनायी जाती है, यह मान्यता है कि इसी दिन देवी काली 64000 योगिनियों के साथ प्रकट हुई थीं...,
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आखिर में झिलमिलाते दीपों की रोशनी से प्रकाशित ये दीपावली आपके घर में सुख- समृद्धि और सफलता लेकर आए 🙏इस दिवाली में हमारी कामना है कि आपका हर
सपना पूरा हो और आप सफलता के
ऊंचे मुकाम पर हों🙏इस दीपावली  पर आपके मन में व्याप्त पञ्च विकारों -समस्त बुराइयों -दोषों -अवगुणों को जला कर राख करें 🙏एवं अपने मन मस्तिष्क में सकारात्मकता  -प्रेम -सौहार्द -दया एवं करुणा भाव के दीपक प्रज्वलित करें 🪔प्रभु श्री की कृपा से इस प्रकाश पर्व पर आप को आठों सिद्धियां,नव-निधियां और चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति हो,साथ ही सुख , समृद्धि , आरोग्य , यश , कीर्ति और खुशी की भी अनवरत प्राप्ति हो ,धन, वैभव, यश, ऐश्वर्य के साथ दीपावली पर माँ महालक्ष्मी आपकी सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य व हर्षोल्लास में वृद्धि करें, इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ।"🙏माता महालक्ष्मीजी की कृपा से आप के घर परिवार में उत्तम स्वास्थ्य, वैभव, ऐश्वर्य, सुख संपदा, मान सम्मान व धन दौलत के अक्षय भंडार भरे रहे🙏मै और मेरे परिवार की तरफ से:पूरब से *प्रतिष्ठा*, पश्चिम से *प्रारब्ध*, उत्तर से *उन्नति*, दक्षिण से *दायित्व*, ईशान से *एश्वर्य*, नैऋत्य से *नैतिकता*, आग्नेय से *आकर्षण*, वायव्य से *वैभव*, आकाश से *आमदनी* एवं पाताल से *पूँजी*.. दसों दिशाओं से सुख, शांति, समृद्धि एवं सफलता प्राप्त हो, यही शुभकामनाएँ हैं🙏आपको सपरिवार पंचदिवसीय प्रकाश पर्व श्रंखला:
नरक चतुर्दशी, दीवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज की अनन्त हार्दिक शुभकामनाएं🙏 दीपोत्सव सपरिवार आपके जीवन को सुख, समृद्धि, सुख-शांति, सौहार्द 
एवं अपार खुशियों की रोशनी से जग-मग करें🙏
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अपनी दुआओं में हमें याद रखें 
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बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
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शुभं करोति कल्याणम आरोग्यं धनसंपदा ।
शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोsस्तुते ।
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जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली (संस्कृत : दीपावलिः = दीप + अवलिः = दीपकों की पंक्ति, या पंक्ति में रखे हुए दीपक) शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन त्यौहार है, यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, दीपावली दीपों का त्योहार है...,

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔 शुभं करोति कल्याणम आरोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोsस्तुते । 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली (संस्कृत : दीपावलिः = दीप + अवलिः = दीपकों की पंक्ति, या पंक्ति में रखे हुए दीपक) शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन त्यौहार है, यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, दीपावली दीपों का त्योहार है..., #समाज