तू जो कर दे इशारा, सुधर सा जाएगा ये वक्त्त हमारा, जन्मजात से खङी है, मुरझाई मेरी जिंदगी, सुर्खिया बटोर रही, शीतलता भरी सादगी, अगुवाई कर मेरा, मासूमियत उदास है, तू जो कर दे मुसकुरा के सुकून का इशारा, सियाही भरी कलम को, शब्दों की तलाश है। ©Rashmi Ranjan #twistedooze