यह वादियां सुकून दिलाती है मुझको निरंतर खड़े रहना है यह सिखाती है मुझको टूट जाऊं अगर मैं जिंदगी की तपन से उस तपन की जलन से बचाती है मुझको अगर चा हतों की करु बात मैं,तो, ख्वाहिशों का पता अक्सर बताती हैं मुझको अगर खो जाऊं इनकी ठंडक में मैं तो स्थिरता का महत्व बताती है मुझको शांत भाव में डूब जाता हूं जब मै अक्सर खुद से मिलाती है मुझको अकेला खड़ा हूं जब मैं इन वादियों में कुदरत से मिलना सिखाती है मुझको प्रकृति का जो कहना है मुझको, उसी भाव को व्यक्त कर बताती हैं मुझको इन वादियों में डूब जाऊं मैं इस कदर कि प्रकृति के आगोश में चला जाऊं मैं इस कदर मुझे जुड़ना है इन हंसी वादियो से,तनाव से मेरे मुक्ति दिलाती है मुझको ये कहती है कि निरंतर खड़ा होना है मुझे हर दुख में हर गम में हंसना सिखाती है मुझको जय हिन्द ©Seema Sharma #ये वादियां अक्सर कहती है मुझको